करतलकलिताद्वयात्मतत्त्वं क्षपितदुरन्तचिरन्तनप्रमोहम् ।उपचितमुदितोदितैर्गुणौघैः उपनिषदामयमुज्जहार भाष्यम् ॥ Your user agent does not support the HTML5 Audio element.
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