श्रीमद्भगवद्गीताभाष्यम्
आनन्दगिरिटीका (गीताभाष्य)
 
प्रश्नानुरूपमेव प्रतिवचनं श्रीभगवानुवाच
प्रश्नानुरूपमेव प्रतिवचनं श्रीभगवानुवाच

सम्मुच्चयविरोधितया प्रश्नं व्याख्याय तद्विरोधित्वेनैव प्रतिवचनमुत्थापयति -

प्रश्नेति।